धार में 200 मेगावाट सौर परियोजना को मिली गति, SECI और जिला प्रशासन के बीच अहम बैठक

Jansampark Khabar
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 धार ब्यूरो चीफ इकबाल खत्री

      28 मार्च 25 – बदनावर और सरदारपुर में 200 मेगावाट सौर परियोजना के कार्यान्वयन को लेकर सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (SECI) और धार जिला प्रशासन के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक जिला कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर प्रियंक मिश्रा और SECI के निदेशक (पावर सिस्टम) शिव कुमार वेपकोमा सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।SECI की टीम ने प्रशासन के साथ परियोजना के क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की।गत 24 फरवरी को मध्य प्रदेश सरकार के साथ सौर और बैटरी परियोजनाओं के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।


बैठक के प्रमुख बिंदु

        SECI ने बदनावर और सरदारपुर में 200 मेगावाट सौर परियोजना के रोडमैप पर विस्तृत प्रस्तुति दी। भूमि आवंटन और इससे जुड़ी चुनौतियों को हल करने पर चर्चा की गई। अधिकारियों ने अतिक्रमण रेखाचित्र और नक्शे प्रस्तुत किए। CSR गतिविधियों पर भी विस्तृत चर्चा हुई, जिन्हें सरकारी दिशा निर्देशों के तहत क्रियान्वित किया जाना तय किया गया।


जिला प्रशासन ने दी परियोजना को पूर्ण समर्थन

         कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला अधिकारियों और MPSEB अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने SDM धार, SDM बदनावर और SDM सरदारपुर को परियोजना के समय अवधि में पूरा किए जाने के लिए जरूरी कार्यवाही करने को कहा।

कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि यह परियोजना रोजगार सृजन, बुनियादी सुविधाओं के विकास और धार जिले की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस परियोजना से उत्पन्न बिजली अगले वर्ष से MP Power Management Company Ltd. (MPPMCL) द्वारा खरीदी जाएगी।


SECI ने जिला प्रशासन का जताया आभार

       SECI के निदेशक शिव कुमार वेपकोमा ने परियोजना के लिए धार जिला प्रशासन द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। बैठक के दौरान परियोजना की तकनीकी, भूमि आवंटन प्रक्रिया और क्रियान्वयन रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया।

         बैठक धार जिले को हरित ऊर्जा हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिससे पर्यावरणीय लाभ के साथ-साथ आर्थिक प्रगति को भी बल मिलेगा।


पर्यावरण संरक्षण एवं लोक व्यवस्था हेतु धार जिले में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

        धार, 28 मार्च 2025 – जिले में नरवाई (फसल अवशेष) जलाने की घटनाओं को रोकने, पर्यावरण संरक्षण, सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा एवं लोक व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।

        आदेश के तहत फसल कटाई में उपयोग किए जाने वाले कंबाइन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (SMS) या स्ट्रा रीपर का उपयोग अनिवार्य किया गया है। यदि किसान भूसा प्राप्त करना चाहते हैं, तो उनकी मांग को देखते हुए स्ट्रा रीपर का उपयोग आवश्यक होगा। जिले में संचालित सभी कंबाइन हार्वेस्टर के साथ इन मशीनों का उपयोग सुनिश्चित करने हेतु जिला परिवहन अधिकारी एवं सहायक कृषि अभियांत्रिकी अधिकारी द्वारा सतत निगरानी रखी जाएगी। बिना स्ट्रा रीपर के कंबाइन हार्वेस्टर चलाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

        फसल अवशेष जलाने से मृदा में लाभदायक सूक्ष्मजीव नष्ट होते हैं, जैविक कार्बन की मात्रा घटती है, जिससे भूमि की उर्वरता प्रभावित होती है और वह बंजर हो सकती है। इसके अलावा, फसल अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में फसल अवशेष जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।

         कृषकों को फसल अवशेष जलाने के बजाय अच्छादन (Mulching), मल्चिंग तकनीक, स्ट्रा रीपर से भूसा बनाकर पशुपालन के लिए उपयोग करने, हेप्पी सीडर/सुपर सीडर से बिना जुताई किए बुआई करने और बेलर, रैकर एवं चॉपर मशीनों का उपयोग कर अवशेषों को ईंधन या अन्य उपयोगी सामग्री में बदलने का सुझाव दिया गया है। इससे भूमि की उर्वरता बनी रहेगी और किसानों को अतिरिक्त आर्थिक लाभ भी मिलेगा।

        यदि कोई व्यक्ति या निकाय इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो पर्यावरण क्षति पूर्ति राशि के रूप में अर्थदंड लगाया जाएगा। दो एकड़ से कम भूमि वाले किसानों पर ₹2,500, दो से पांच एकड़ भूमि वाले किसानों पर ₹5,000 और पांच एकड़ से अधिक भूमि रखने वाले किसानों पर ₹15,000 का अर्थदंड देय होगा। इसके अलावा, आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

          यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और 25 मई 2025 तक प्रभावी रहेगा।


मध्यप्रदेश सरकार ने ‘विकसित मध्यप्रदेश @ 2047’ के लिए नागरिकों से सुझाव मांगे

          धार 28 मार्च 2025: मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग ने ‘विकसित मध्यप्रदेश @ 2047’ विजन डॉक्युमेंट के लिए नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु एक व्यापक सर्वेक्षण की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य प्रदेश के सर्वांगीण और सतत विकास के लिए नीतियों का निर्माण करना और 2047 तक विकसित मध्यप्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करना है।

        मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, यह पहल नागरिकों को अपने विचार और सुझाव साझा करने का अवसर प्रदान करती है। इन सुझावों को राज्य की विकास नीतियों में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे प्रदेश को एक सक्षम, सशक्त और विकसित राज्य के रूप में परिवर्तित किया जा सके।

         नागरिक अपने सुझाव वेबसाइट https://mprna.mp.gov.in/vision पर जाकर या QR कोड स्कैन करके प्रस्तुत कर सकते हैं। सुझाव देने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 निर्धारित की गई है।

         कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने अधिकारियों से कहा है  कि वे अपने कार्य क्षेत्र में इस सर्वेक्षण का व्यापक प्रचार करें और अधिक से अधिक नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करें।

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