बिलाल खत्री संभाग ब्यूरो
बड़वानी भगवान बिरसा मुंडा शासकीय महाविद्यालय, पाटी में बाल विवाह प्रतिषेध पर संस्था के प्राचार्य डॉ.परवेज मोहम्मद के मार्गदर्शन में कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार एवं माननीय सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा दिए गए बिंदुओं के अनुपालन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ मंशाराम बघेल ने अपने वक्तव्य में कहा कि कम आयु में विवाह से बालक एवं बालिका का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध होता है तथा वे अधिकांशतः शिक्षा से भी वंचित होते हैं। बाल विवाह निषेध हेतु समाज में जागरूकता लाना हम सभी का कर्तव्य है। प्राचार्य डॉ परवेज मोहम्मद ने कहा कि बाल विवाह का समाज एवं बालको पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में वृद्धि होती है साथ ही जनसंख्या वृद्धि भी दिखाई देती है। बाल विवाह को रोकने के लिए देश में कड़े कानून हैं। बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के मुताबिक, 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के की शादी को बाल विवाह माना जाता है. इस अधिनियम के तहत बाल विवाह को दंडनीय अपराध माना गया है। आपने बताया कि बाल विवाह करने वाले या कराने वाले को दो साल की जेल या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। प्रो दिनेश ब्राह्मणे ने बाल विवाह से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि आप चाइल्ड लाइन नंबर 1098 पर कॉल कर बाल विवाह की शिकायत कर सकते हैं।
महाविद्यालय के विद्यार्थियों में सोनिया, पूजा नरगावे, सूरज, आकाश, लाल सिंह, प्रियंका चौहान ने भी अपने विचार व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के ग्रंथपाल डॉ.भारत सिंह चौहान एवं कनसिंह, विक्रम, शिवजी, सखाराम सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के प्रो दिनेश ब्राह्मणे ने किया एवं आभार डॉ.अंजूबाला जाधव ने व्यक्त किया।