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लगभग 500 बंदियो ने लिया विभिन्न खेल गतिविधियों में भाग |
बिलाल खत्री संभाग ब्यूरो
बड़वानी मनुष्य गलतियों का पुतला है सामाजिक जीवन में कभी-कभी कभी ऐसी परिस्थितिया उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण आवेश में आकर या भूलवश वह ऐसी गलती कर बैठता है जिसके फलस्वरुप उसे जेल में सजा भुगतनी पड़ती है । जेल में आकर वह अपने घर,परिवार एवं परिचितजनों को याद कर चिंतित रहता है ऐसे समय में मन को शांत कर चिंतन मनन करें। जितना भी समय इस परिसर में गुजारे उसमें विभिन्न गतिविधियों एवं विधाओं में स्वयं को व्यस्त रखें। जो गलतियां हुई है उसे सुधारने का प्रयास करें,गीता का पाठ करें एवं अपने जीवन को एक नई दिशा दें।पुलिस अधीक्षक जगदीश डावर ने उक्त बातें शनिवार केंद्रीय जेल बडवानी में आयोजित आनंद उत्सव के समर्पण समारोह कार्यक्रम में विभिन्न खेल गतिविधियों में विजेता बंदिया को पुरस्कृत करते हुए कही।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र कुमार जैन ने भी अपने उद्बोधन में कहा कि जेल में बंद बंदियो को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए सजा में छूट दी जाती है इसीलिए जेल के भीतर रहकर अच्छा कार्य व व्यवहार रखें ताकि जब भी रहा हो तब आपको एक सकारात्मक वातावरण मिले।
केंद्रीय जेल बड़वानी में प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी आनंद उत्सव के तहत विभिन्न खेल गतिविधियों का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 500 बंदियो एवं बंदिनियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस उत्सव में क्रिकेट वॉलीबॉल शतरंज बैडमिंटन कैरम गायन नृत्य (एकल एवं ग्रुप) निबंध चित्रकला रंगोली मेहंदी कुर्सी दौड़ नींबू दौड़ आदि का आयोजन किया गया। क्रिकेट में कुल 32 टीमों ने एवं वॉलीबॉल में 12 टीमों ने हिस्सा लिया।इन गतिविधियों में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे विजेताओं को मुख्य अतिथियों द्वारा ट्रॉफी मेडल एवं प्रमाण पत्र से पुरस्कृत किया गया।
जेल अधीक्षक सुश्री शैफाली तिवारी ने मुख्य अतिथियों का स्वागत कर उन्हें प्रतीक चिन्ह के रूप में गीता भेंट की एवं सभी को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमारे कर्म ही है जो हमारा भविष्य तय करते हैं इसलिए अच्छे कर्म करें एवं बुरे कर्मों से बचे। इस दौरान कार्यक्रम में रोटरी क्लब के पदाधिकारी ,कासा एकेडमी के पदाधिकारी, जेल के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी गण सहित जेल के समस्त बंदी उपस्थित थे। अंत में उप जेल अधीक्षक श्री विनय काबरा ने आभार माना।