अनुसूचित जनजाति वर्ग के कालेज विद्यार्थियों की एवं शिष्यवृत्ति की राशि 12 महीने के लिए भुगतान करें भंगुसिंह तोमर

Jansampark Khabar
0

 

राज्यपाल एवं,मुख्यमंत्री,व  मंत्री जनजातीय कार्य विभाग को पत्र 

लिख कर एसटी एवं एससी वर्ग के कॉलेज छात्रों को समान रूप से

छात्रवृती-शिष्यवृति भुगतान की मांग की


 

बिलाल खत्री 

        अलीराजपुर आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास) जिला अध्यक्ष भंगुसिंह तोमर ने महामहिम राज्यपाल  राजभवन भोपाल, मुख्यमंत्री  एवं  मंत्री  जनजातीय कार्य विभाग वल्लभ भवन भोपाल को पत्र लिख कर मांग की गईं हैं कि आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जन जाति वर्ग के कॉलेज छात्रों को 12 महीने की जगह सिर्फ 10 महीने की ही शिष्यवृत्ति दी जा रही है। जबकि अनुसूचित जाति के कॉलेज विद्यार्थियों को 12 महीने की शिष्यवृत्ति मिल रही है। विभाग द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति दोनों वर्ग के विद्यार्थियों को कॉलेज में पढ़ने के लिए छात्रावास की सुविधा दी जाती है, लेकिन भोजन के लिए प्रतिमाह मिलने वाले शिष्यवृत्ति की राशि अलग-अलग दी जा रही है। इस दोहरे नियम के कारण छात्रावास में रहने वाले अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है।


        आकास जिला अध्यक्ष भंगुसिंह तोमर ने कहा कि मप्र शासन द्वारा वर्ष 2016 में दोनों वर्गों के कॉलेज छात्रों के लिए योजना की शुरूआत की थी। शासन द्वारा पहले वर्ष से ही एससी-एसटी दोनों छात्रावास में विद्यार्थियों को 12 माह की बजाए 10 माह की शिष्यवृत्ति ही देना शुरू की। जिस पर दोनों वर्ग के छात्रावासों की ओर से आपत्ति उठाई गई। आपत्ति जताते हुए विभागीय अफसरों को बताया गया कि चूंकि कॉलेज सालभर संचालित होते है। इसलिए बारह माह की राशि दी जानी चाहिए। इसके लिये प्रतिवेदन बनाकर शिष्यवृत्ति की राशि 12 माह के लिए भुगतान करने की अपील की गई थी।लेकिन विभागीय अधिकारियों के इस भेदभाव स्वरूप एससी वर्ग के छात्रावास की अपील ही स्वीकार की और उन्हें 12 माह की शिष्यवृत्ति मिलने लगी, लेकिन एसटी वर्ग के छात्रावास की अपील खारिज कर दी गई।

     

        तोमर ने पत्र लिख कर  राज्यपाल,  मुख्यमंत्री , एवं मंत्री,  से अनुरोध कर आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों को 10 महीने की जगह 12 महीने की छात्रवृत्ति  शिष्यवृत्ति दी जाने हेतु सबंधित विभाग को निर्देशित करने की मांग की गईं हैं,साथ ही अनुराग जैन, मुख्य सचिव, गुलशन बामरा, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग एवं शुक्ल,आयुक्त जन जातीय कार्य विभाग, मप्र शासन,भोपाल की ओर सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया हैं

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)