गुरू कृपा से जीवन का उद्धार होता है व के.सी. शर्मा मार्गदर्शक की भूमिका में होते हैं

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धार इकबाल खत्री   

 गुरू मनोहरलाल पुराणिक 

                 हर युग में गुरू की महिमा सर्वोपरि रही है फिरोज सागर मारवाड़ी परिवार में गुरू सप्तमी पर दादा गुरू को समर्पित काव्य गोष्ठी हुई 

कुक्षी - गुरु की महिमा अनन्त अपार है । गुरू जीवन के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं । उक्त विचार मारवाड़ी परिवार कुक्षी द्वारा गुरू सप्तमी पर आयोजित काव्य गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार पण्डित कैलाशचंद्र शर्मा ने व्यक्त किए । इस अवसर पर पुराणिक श्री मनोहरलाल जैन एडवोकेट ने कहा कि गुरू शब्द में ही ज्ञान का आभास है । गुरू सच्चे मार्गदर्शक की भूमिका में होते हैं। उनके बताए मार्ग पर चलकर हम अपना उद्धार कर सकते हैं । वरिष्ठ पत्रकार मनोहर मंडलोई ने कहा कि जिस पर गुरू की कृपा होती है उसका जीवन संवर जाता है । श्रीमती अमृता भावसार ने कहा कि जीवन संस्कारों से सुसज्जित होता है और संस्कार परिवार व समाज से आते हैं । हमारी सनातन संस्कृति संस्कारों की जननी है इसमें रच बसकर हम गुरू सत्ता और ईश्वरीय सत्ता का सानिध्य प्राप्त कर सकते हैं । राष्ट्रीय मंचों के कवि व गीतकार फिरोज सागर जोबट ने इस अवसर पर गुरू पर आधारित कविता पढ़ी तथा गुरू महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गुरू हर युग में पूजनीय रहे हैं । श्रीमती मीनल जैन ने कहा कि सार्थक श्रवण की परम्परा गुरू की शरण से ही प्राप्त होती है । कार्यक्रम का शुभारंभ गुरू वंदन गीत से श्रीमती सुनिता जैन , श्रीमती शीतल जैन ,  श्रीमती सुचिता जैन श्रीमती ऋषिता जैन व कु. क्रिशी जैन ने किया । कार्यक्रम में गिरधर सोनी , राजेन्द्र गुप्ता एडवोकेट , गोपाल सोनी , यतीन्द्र डुंगरवाल , भूपेन्द्र वर्मा , सतीश निरखे , जगदीशचंद्र गुप्ता , मनोज साधु , दीपक शर्मा , कौशल वर्मा  ने भी काव्य पाठ किया । इस अवसर पर परिवार के संजय जैन , सुधीर जैन , जैनम जैन , मोनेश जैन , पूर्व सीएमओ राजमल उकावत , राजेन्द्र जैन , प्रफुल्ल जैन , सुशील जैन, संतोष सोनी सहित बड़ी संख्या में गुरू भक्त उपस्थित थे । संचालन वीरेन्द्र त्रिवेदी ने किया तथा आभार रवीन्द्र जैन रूपम ने माना । गोष्ठी के पश्चात नमस्कार महामंत्र एवं गुरू मंत्र का जाप किया गया ।

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