इक़बाल खत्री 

श्री जोशीला को निमाड़ी एवं हिंदी साहित्य को लेकर मिलेगा पद्मश्री पुरस्कार ,

निमाड़ का बड़ा मान लोक निमाड़ी भाषा को मिले राज भाषा का दर्जा ,

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने वीडियो काल पर दी बधाई 

खरगोन। जिले के गोगावां   पर निवासरत श्री जगदीश जोशिला को राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार पद्मश्री की घोषणा होने के बाद से नगर वासी में खुशी की लहर दौड़ गई है ।

नगर एवं आसपास के लोगों द्वारा श्री जोशिला को बधाई देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी हैं।नगर के अंबिका पूरी निवासी श्री जगदीश जोशीला निमाड़ी भाषा में उपन्यास लिखने वाले प्रथम व्यक्ति है। जिनके द्वारा अभीतक 56 पुस्तके लिखी जा चुकी है। जिसमें 28 पुस्तके निमाड़ी भाषा में प्रकाशित हुई है। 

वर्तमान जगदीश जी जोशीला को वर्ष 2025 में भारत सरकार द्वारा हिंदी निमाड़ी साहित्य पद्मश्री पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है। 

आपको शीघ्र ही महामहिम राष्ट्रपति महोदया द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से राष्ट्रपति भवन दिल्ली में सम्मानित किया जाना है।

श्री जोशीला वर्तमान 76 वर्ष के है उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया कि वे विद्यार्थी जीवन से ही साहित्य सृजन करते रहे है।

मातृ भाषा निमाड़ी को राज भाषा बनाने के अभियान में आप लगभग 27 वर्षो से सक्रिय हैं। आप निमाड़ी भाषा में प्रथम उपन्यास कार है।

श्री जोशीला के दो उपन्यास जिसमें प्रथम भलाई की जड़ पाताल में, द्वितीय सरग नरक याँज़ छे प्रकाशित हो चुके हैं। आप निमाड़ी भाषा के गद्य विधा के जनक है।आपकी अनेक पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है।

श्री जोशीला को मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2007 में ईसुरी पुरस्कार, वर्ष 2014 में पंडित बालकृष्ण शर्मा नवीन पुरस्कार एवं वर्ष 2019 में संत सिंगाजी स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त आपको दिल्ली, जबलपुर, सागर, इंदौर, खण्डवां, बड़वाह, महेश्वर, खरगोन आदि स्थानों से संस्थानों द्वारा सम्मानित किया गया है।

श्री जोशीला ने वर्ष 2001 से निमाड़ी भाषा को जन जन तक पहुंचाने के लिए  अभियान अखिल निमाड़ लोक परिषद द्वारा खरगोन जिले के गोगावां से आरंभ किया।जिसके फल स्वरुप सम्पूर्ण निमाड़ में अभितक 2700 आजीवन सदस्य है।

हमारे संवाददाता से चर्चा करते हुए श्री जगदीश जोशीला ने बताया कि यह पद्मश्री पुरस्कार मुझे नहीं मेरी मातृ भाषा निमाड़ी एवं निमाड़ जनपद को समर्पित है। मुझे विश्वास हे कि पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त होने से लोक बोली निमाड़ी को राजभाषा की मान्यता प्राप्त होगी। 

आपने वर्तमान भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि देश की दूरस्थ योग्य प्रतिभाओं को देश के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करके प्रोत्साहित कर रही है, इसमें कोई संदेह नहीं है। आपका प्रसिद्ध हिंदी उपन्यास ” स्त्री से देवी ” अहिल्या बाई होल्कर नाम से दो भागों वाला अब अंग्रेजी भाषा में अनुवाद होकर प्रकाशाधिन है।

जबसे श्री जगदीश जोशीला को पद्मश्री पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा हुई है। तभी से उनके करीबी बधाई देने के लिए उनके घर पहुंच रहे है। 26 जनवरी के व्यस्तम समय होने के बाद भी खरगोन विधायक एवं जिलाध्यक्ष श्री जोशीला को बधाई देने उनके निवास कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। 

वही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने मोबाईल के माध्यम से वीडियो कॉल कर बधाई दी।

जगदीश जोशीला जी के जन्म स्थान गोगावां के निवासियों ने भारत सरकार का आभार व्यक्त किया।