भोपाल / महानगर का रूप लेता जा रहा भोपाल की सबसे बड़ी समस्या सड़को पर लगने वाला जाम है राजधानी भोपाल के किसी भी इलाके में आप चले जाओ हर गली हर चौराहे और तमाम बाज़ारो में जाम की स्थिति बनी रहती है लोगो को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में घण्टो का समय लग जाता है भोपाल की सड़कों पर लगे जाम से निकलने के बाद ऐसा लगता है मानो आप कोई जंग जीतकर निकले हो भोपाल में मेट्रो-प्रोजेक्ट के कारण घण्टो जाम लगा रहता है और रही-सही कसर सवारी वाले ऑटो, बैटरी वाले ऑटो हाथ-ठेले वाले पूरी कर देते है अव्यवस्थित ट्रैफिक-व्यवस्था राजधानी भोपाल पर कलंक बनती जा रही है रास्ते संकरे है रोड पर बड़े-बड़े गढ्ढे और ज़्यादा जाम का कारण बने हुए है सरकार और प्रशासन मूकदर्शक बने हुए है।
राजधानी के बाज़ारो के तो और भी बुरे हाल है रास्ते संकरे है दुकानदार अपनी दुकानों का सामान रोड पर रखकर बेचते है उस पर अपनी गाड़ियों को दुकान के सामने पार्क करते है ग्राहक भी दुकानों पर खरीदारी के समय अपनी गाड़ियां दुकानों के सामने खड़ी कर देते है जिससे पैदल चलना भी दुश्वार हो जाता है राजधानी के व्यस्ततम चौक-बाज़ार, आज़ाद मार्किट, इतवारा, घोड़ा-नक्कास, हनुमानगंज, इब्राहिमपुरा, चारबत्ती चौराहा, लखेरापुरा, नदीम रोड, जहांगीराबाद, न्यू-मार्केट, बैरागढ़, और लक्ष्मी-टॉकीज रोड पर लगे जाम अपने हालात खुद बयान करते है सरकार के पास कोई प्लान नही है ट्रैफिक को सुधारने के लिए, बस खाना पूर्ति के नाम पर अतिक्रमण हटाने पहुँच जाते है गुमठी, ठेले और दुकानों का सामान ज़ब्त कर लेते है दूसरे दिन स्थिति जस के तस नज़र आती है अतिक्रमण कारी दोबारा उस जगह पर कब्ज़ा करके जाम की स्थिति निर्मित करते है।