धार इकबाल खत्री कुक्षी सात दिवसीय श्री मद् भागवत कथा का आयोजन अर्धनारेश्वर मंदिर मे आयोजित हो रही है जिसमेअंतराष्टीय कथा वाचक पंडित धमेन्द्र कृष्ण नागरजी ने बताया की
जिस तरह नाव पानी में चले तो अच्छी बात हे
लेकिन नाव के अंदर पानी आजाये तो नाव डूब जायेगी ठीक उसी तरह संसार मे रहना अच्छी बात हे लेकिन संसार हमारे भीतर आजाये तो हम भी संसार मे डूब जायेगे
अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित धर्मेन्द्रकृष्ण नागरजी ने दूसरे दिन कि कथा मे महाभारत की कथा सुनाते हुवे कहा जीवन मे धर्म करोगे धर्म के रास्ते पर चलोगे तो भगवान तुम्हारे साथ रहेगे पांच पाण्डव अपने जीवन मे धर्म के साथ थे ईसलिए भगवान् उनके साथी बनकर महाभारत का युद्ध जीता दिया पंडित नागरजी ने धर्म और कर्म के बारे मे भी बताया कर्म करने से पहले अपने जीवन मे धर्म को धारण करना आवश्यक है क्योंकि धर्म हमे सिखाता हे कि हमे कोनसे अच्छे कर्म करना है कैसे जीवन मै संस्कृति और संस्कार लाना चाहिए
भागवत कथा के मुख्य यजमान कमल आत्माराम गराश्या दुवारा पुजन कर आरती उतारी गई अर्ध नारेश्वर श्री मद् भागवत समिति दुवारा आव्हान किया गया हे की रात्री कालीन श्री मद् भागवत कथा मे अधीक से अधीक संख्या मे पधारकर धर्म लाभ लेवे