"बिना धर्म आचरण किए मनुष्य पशु के समान हैं-पंडित हिमांशुजी महाराज। |
बिलाल खत्री
अलीराजपुर जिले के चंद्रशेखर आजाद नगर भाभरा भव्य संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन श्रीराम कथा जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। कथावाचक परम पूज्य हिमांशु जी महाराज अयोध्या धाम ने कहा कि भगवान की कृपा से जहां श्री राम कथा रूपी गंगा बहती है वहां-वहां हृदय रूपी जमीन उपजाऊ बना देती हैं। राम भगवान ने इस धरती पर 24 बार अवतार लिया बिना धर्म आचरण किए मनुष्य पशु के समान कहलाता हैं आचरण मर्यादा संयम सत्संग धर्म पर चलना सिखाती हैं मनुष्य को रामचरितमानस का अध्ययन करना चाहिए। संस्कार लेना हो तो सत्संग में आना पड़ेगा, साधु मंहत हे सत्संग की शिक्षा देते हैं। स्त्री बहुत चतुर रहती हैं जब पति को किसी अवसर पर ही अपनी बात कहने का साहस रखती हैं जब पति अच्छे मूड़ में हो प्रभु के चरण में प्रेम धीरे-धीरे ही बढ़ता हैं शिवजी की रचना ही रामचरितमानस हैं माया रुपी अंधेरे में यह संसार सर्प के समान दिखता हैं। सारा जगत मिथ्या हैं सत्य ही परमात्मा हैं शगुन और निर्गुण दो तरह की भक्ति होती है भगवान को प्रेम से बुलाई पवित्र मन से परमात्मा की प्राप्ति होगी। एक दिन उपवास करने से मनुष्य घबरा जाता हैं तरह-तरह के यंजन फल फ्रूट पहले से ही घर पर लाकर तैयारी कर लेता हैं कथा का श्रवण बैठकर सभी करते हैं लेकिन क्या सुना जाए क्या समझाया जाए वही प्रेम से उतरते हैं। जिन्हें कथा का हृदय में उतारनी होती हैं कथा श्रवण करने बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।