हाथों में चप्पल लिए हुवे कीचड़ में चलता देश का भविष्य: रोजाना डरते सहमते हुए स्कूल तक पहुुंचते है

Jansampark Khabar
0

 


वही शिक्षकों व ग्रामीणों को भी आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा


बिलाल खत्री


 अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा ब्लॉक के दलदली कीचड़ भरे रास्ते को पार करके जाना पड़े, तो सरकारी सिस्टम पर यकीनन गुस्सा आता है। लेकिन उससे भी ज्यादा तरस उन बच्चों पर आता है, जो रोजाना डरते सहमते हुए स्कूल तक पहुुंचते हैं। शिक्षा व्यवस्था का स्तर सुधारने के लिए सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए की योजना चलाई जा रही हैं तो वही करोड़ों रुपए की लागत से नए स्कूल भवन भी तैयार किए जा रहे है। लेकिन आज भी आदिवासी ग्रामीण अंचलों में यह हाल है कि स्कूल तक जाने के लिए पक्का मार्ग नहीं है।हमारे देश का भविष्य कीचड़ से होकर स्कूल जाने को मजबूर है। ऐसा ही एक मामला आदिवासी बाहुल्य अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा ब्लॉक के साजनपुर गांव में सामने आया है। जहां स्कूली बालिकाए हाथ मे चप्पल लिए कीचड़ भरे रास्ते से होकर स्कूल जा रहे हैं। क्योंकि यदि यह चप्पल पहनकर कीचड़ से गुजरेंगे तो चप्पल टूट जाएगी और जूते पहनकर जाएंगे तो वह जूते कीचड़ में ही फंस जाएंगे। वही शिक्षकों व ग्रामीणों को भी आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूली बालिकाओं ने बताया कि बारिश के दिनों में यहां कीचड़ हो जाता है और वह इस कीचड़ से होकर स्कूल जाने मजबूर हैं। क्योंकि उन्हें पड़ लिखकर अपना भविष्य बनाना है। इसलिए वह कीचड़ की भी परवाह नहीं करते। यह बच्चे कंधे पर बैग टांग कर कभी बिना जूते, चप्पल के इस कीचड़ से होकर गुजरते हैं। बालिकाओ ने बताया कि वह चाहते हैं कि यहां पर सड़क का निर्माण हो जाए ताकि वह सुगम तरीके से स्कूल जा सके। अपने पैरों में जूते, चप्पल भी पहन सकें क्योंकि जब भी नंगे पैर इस कीचड़ से होकर गुजरते हैं तो पत्थर, कांच के टुकड़े और अन्य नुकीले तार उनके पैर में चुभ जाते हैं जिससे वह घायल भी होते हैं।

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)