संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडर की आज 133वी जयंती है...

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 भोपाल / आज संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 133वी पूरे देश एवं विश्व मे धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाई जा रही है आज ही के दिन यानी 14 अप्रैल 1891 को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबडेकर का जन्म मध्यप्रदेश के महू जिले में हुआ था जिसे बदलकर डॉ. अंबेडकर नगर कर दिया गया है। बाबा साहब जाति से दलित थे इसलिए दलितों और आदिवासियों के लिए डॉ. अम्बेडकर ने लम्बा संघर्ष किया था दलितों और आदिवासियों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार से बाबा साहब बहुत आहत थे दलितों के साथ हो रहे अत्याचारों को खत्म करने और आपसी समानता कायम करके पक्षपात और भेदभाव जैसे घृणित कार्य को खत्म करने के लिए बाबा साहब ने बड़े-बड़े आंदोलन किए और लम्बा संघर्ष करके दलितों को मुख्यधारा में लाने की भरकस कोशिश की और बाबा साहब अपने संघर्ष और कोशिशों में किसी हद तक कामयाब भी हुए लेकिन अभी भी दलितों और आदिवासियों के साथ अमानवीय कृत्य की खबरें और वीडियो आते रहते है जिनको देखकर मन विचलित हो जाता है बाबा साहब की मंशा थी की देश मे जातिगत भेदभाव खत्म हो पक्षपात खत्म हो, सभी को समान अधिकार मिले कोई बड़ा और छोटा ना हो किसी के साथ भेदभाव ना हो, सबको इंसाफ मिले, सभी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें, इसलिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा और उस संविधान में हर धर्म, हर जाति के लोगो को बराबरी के अधिकार दिए गए है सबके अपने मौलिक अधिकार है सबका अपना-अपना धर्म है सबकी पूजा-पद्धति, नमाज़, आराधना अलग है और हर एक अपने धर्म को मानने में और पूजा-पद्धति, आराधना करने में आज़ाद है कोई किसी को विवश नही कर सकता क्योंकि संविधान ने सबको बराबरी का अधिकार दिया है।

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