भोपाल / राजधानी भोपाल की ऐतिहासिक धरोहरों में किले, मस्जिदे, तालाब और कुएं-बावड़ी प्रमुख हैं इनमें से आज कुओं और बावड़ियों का बहुत बुरी दुर्दशा है राजधानी के ऐशबाग क्षेत्र में 1 दर्ज़न कुँए और बावड़ी है जो अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा रहे है।
नरेला विधानसभा के वार्ड 40 में स्थित जवाहर कॉलोनी में एक बड़ा कुँआ है जिसमे पानी पर्याप्त मात्रा में भरा है पर अफसोस आज इस कुँए के पानी मे बदबू आने लगी है हरी-हरी कज़ी की परत पूरे कुँए के पानी पर चढ़ी हुई है पानी मे कछुए, मेंढक और मछलियों के मरने की स्थिति में ये मर कर सड़ चुके है जिसकी वजह से पानी मे बदबू आने लगी है नर्मदा-लाइन डलने से पहले इसी कुएं का पानी पूरे क्षेत्र में सप्लाई होता था जब से नर्मदा का पानी घरों में आने लगा है तब से इस कुएं से पानी की सप्लाई बंद हो गई है तब से लेकर आज तक ना तो इस बावड़ी की सफाई हुई है और ना दवा डाली जा रही है जिससे पानी मे सड़ांध आने लगी है आज भी जब नर्मदा के पानी की सप्लाई किसी कारणवश बंद होती है या नगर-निगम पानी सप्लाई बंद कर देता है तो आसपास के लोग इसी बावड़ी से पानी निकालकर अपने खर्च में लेते है और इस दूषित पानी को लोग पीते भी है जिससे बीमार होने का खतरा हमेशा बना रहता है और यही पानी बाग फरहत अफज़ा की बड़ी मस्ज़िद में रोज़ाना सप्लाई होता है।
यहाँ के जनप्रतिनिधि और नगर-निगम की उदासीनता और लापरवाही की वजह से ये ऐतिहासिक बावड़ी अपना स्वरूप खोती जा रही है उमूमन बाग फरहत अफज़ा की हर बावड़ी का यही हाल है इन बावड़ियों और कुओं का कोई पुरसाने हाल नही है।