दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमति के संत तूने कर दिया कमाल...

Jansampark Khabar
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 भोपाल / देश की आज़ादी के महानायक जिसने बगैर हथियार उठाए भारत से अंग्रेज़ो को खदेड़ कर बाहर कर दिया जो देश मे ही नही बल्कि विदेश में भी लोकप्रिय है जिसे लोग प्यार से बापू कहते है जो हमारे राष्ट्रपिता कहलाते है हमारे अपने प्रिय महात्मा गांधी जिसने दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाया था शांति, सत्य और अहिंसा का पालन करने वाले रवैये के कारण लोग उन्हें महात्मा नाम से सम्बोधित करने लगे थे ऐसी महान शख्सियत की आज 154वी जयंती है।


महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था और वो गुजराती परिवार में सम्बन्ध रखते थे उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था माता का नाम पुतलीबाई था और पत्नि का नाम कस्तूरबा गांधी था महात्मा गांधी के जीवन मे उनकी माता का गहरा प्रभाव था। गांधी जी की प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में ही हुई थी 1887 में गांधीजी ने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी इसके बाद 1888 में गुजरात के भावनगर स्थित सामलदास कॉलेज में पढ़ाई कर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद लन्दन जाकर बेरिस्टर की पढ़ाई पूरी करके बैरिस्टर बनकर भारत लौटे। 1894 में कानूनी विवाद के चलते महात्मा गांधी का दक्षिण-अफ्रीका जाना हुआ और वहाँ होने वाले अन्याय और अत्याचार के खिलाफ अवज्ञा-आंदोलन चलाया और इसके पूरा होते ही 1916 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे। और भारत की आज़ादी के लिए महात्मा गांधी ने कदम बढ़ाना शुरू किए।


महात्मा गांधी ने भारत की आज़ादी शांति, सत्य और अहिंसा का रास्ता चुना और दूसरा रास्ता हिंसा का था जिस पर भगत सिंह और चन्द्रशेखर आज़ाद चल रहे थे गांधी जी ने अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए भारत मे कई आंदोलन किए जैसे 1918 में चंपारण और खेड़ा सत्याग्रह, 1919 में खिलाफत-आंदोलन, 1920 में असहयोग-आंदोलन, 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन, नमक-सत्याग्रह और दांडी-यात्रा, एवं 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन प्रमुख थे इन सभी आंदोलन की वजह से अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा और महात्मा गांधी ने भारत की आज़ादी के लिए एक नई इबारत लिखी। 30 जनवरी 1948 को आज़ाद भारत के एक शख्स नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को 3 गोली मारकर उनकी हत्या करके इस अहिंसा के पुजारी को हमेशा के लिए खामोश कर दिया था गांधीजी के मुँह से आखिरी शब्द हे-राम निकला था। भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले इस महान जननायक और अहिंसा के मसीहा को शत-शत नमन...

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