छत्तीसगढ़ की सबसे हाईप्रोफाइल विधानसभा क्षेत्र मरवाही में ,जहां से अजीत जोगी विधायक रहे हैं,उनके निधन उपरांत उपचुनाव में डॉ के के ध्रुव विधायक बने हैं जो कि सर्वाधिक 83561मत पा कर चुने गए।वे मरवाही में सरकारी चिकित्सक के रूप में 25 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे थे।नौकरी छोड़ कर कांग्रेस से चुनाव लड़कर जीतें है।
उनकी इसी लोकप्रियता का लाभ प्रत्याशी बना कर कांग्रेस ने उठाया।
जबकि 2018 के चुनाव में प्रत्याशी रहे गुलाब राज सहित अनेक उम्मीदवारो ने कांग्रेस से टिकट मांगा था। 3 वर्ष के विधायकी कार्यकाल में डॉ ध्रुव भले मानस के रूप में आमजनता के बीच में मरवाही में रहकर अपनी छवि बनाएं हैं।
वर्तमान 2023 के चुनाव में डॉ ध्रुव सहित अन्य 26 लोगों ने प्रत्याशी बनने का दावा पेश किया है। ठीक चुनाव के बीच में ही जबकि भाजपा का प्रत्याशी इस सीट पर घोषित कर दिया गया था। इसके ठीक दूसरे दिन एक घटनाक्रम में कांग्रेस के मनोज गुप्ता जिलाध्यक्ष को बदलकर जिलाध्यक्ष उत्तम वासुदेव को बना कर जिले की कमान दी गई और निवर्तमान अध्यक्ष को प्रदेश कार्यकारिणी में ले लिया गया।
इस घटना का प्रभाव प्रत्याशी चयन पर स्पष्ट दिखाई देने लगा है और सभी छब्बीस आवेदनकर्ताओं को ऐसा लगा कि अब डॉ की टिकट कट सकती है और उनको मिल सकती है। नव नियुक्त जिलाध्यक्ष ने बड़ी चतुराई से छब्बीसों आवेदनकर्ताओं को इस प्रकार लांम बंद किया और सभी को रायपुर तक बड़े नेताओं तक दौड़ा दिया यहां उल्लेखनीय है कि पिछले उपचुनाव से ही उत्तम वासुदेव अपने निकटतम अजीत श्याम को कांग्रेस उम्मीदवार बनाना चाहते थे। जो मनोज गुप्ता के कारण संभव नहीं हो पाया था अब जिलाध्यक्ष बनने के बाद वे इसे अंजाम देना चाह रहे है।
यदि उत्तम वासुदेव की चली तो अजीत श्याम मरवाही के अगले प्रत्याशी होंगे। मरवाही के प्रतिदिन के घटनाक्रम पर लोगों की निगाह लगी हुई है और उत्तम वासुदेव सभी को नचा रहे हैं पर्दे के पीछे एन केन प्रकारेण वो सिटिंग एमएलए डॉ ध्रुव को हटा कर अपने आदमी को स्थापित करना चाहते हैं।
यदि ऐसा होता है तो शेष उम्मीदवार अपने आप को ठगा महसूस करेंगे और वे अजीत श्याम को अपना नेता मान चुनाव में उतरेंगे इस पर संदेह बरकरार है, यदि टिकट परिवर्तन होता है तो मरवाही विधानसभा के जीत के परिणाम पर स्वयं प्रश्न चिन्ह लगा रही है कांग्रेस और यह कदम कांग्रेस के लिए आत्मघाती होगा।