विमोचन के दौरान एक वरिष्ठ पत्रकार से वार्ता के दौरान अय्यर ने पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के साथ अपने संबंधों से लेकर दिसंबर 1978 से जनवरी 1982 तक कराची में महावाणिज्य दूत के रूप में उनके कार्यकाल तक पर कई मुद्दों पर बात की।
राजनयिक से राजनेता बने मणिशंकर अय्यर ने पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि राव "भाजपा के पहले पीएम' थे। राजधानी दिल्ली में अपनी आत्मकथा 'मेमोयर्स ऑफ ए मावेरिक- द फर्स्ट फिफ्टी इयर्स (1941 से 1991) के विमोचन के मौके पर उन्होंने ये टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने पूर्व पीएम राव के साथ उस समय हुई एक बातचीत का भी जिक्र किया जब वह 'राम-रहीम' यात्रा निकाल रहे थे।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नरसिम्हा राव ने मुझसे कहा कि उन्हें मेरी यात्रा पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा से असहमत थे। मैंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा में क्या गलत है। इस पर उन्होंने कहा कि मणि तुम यह नहीं समझते कि यह एक हिंदू देश है। मैं अपनी कुर्सी पर बैठ गया और कहा कि भाजपा भी बिल्कुल यही कहती है।
उन्होंने कहा, भाजपा के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं थे, बल्कि 'भाजपा के पहले प्रधानमंत्री राव' थे। बता दें कि पीवी नरसिम्हा राव ने कांग्रेस सरकार का नेतृत्व किया था। वे 1991 से 1996 तक भारत के प्रधान मंत्री रहे थे।
विमोचन के दौरान एक वरिष्ठ पत्रकार से वार्ता के दौरान अय्यर ने पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के साथ अपने संबंधों से लेकर दिसंबर 1978 से जनवरी 1982 तक कराची में महावाणिज्य दूत के रूप में उनके कार्यकाल तक पर कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान जब उनसे बाबरी मस्जिद मुद्दे से निपटने में राजीव गांधी की आलोचना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि शिलान्यास गलत था।
इस दौरान अय्यर ने यह भी बताया कि जब अचानक यह घोषणा की गई कि राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं तो उन्हें आश्चर्य हुआ कि एक व्यक्ति जो इंडियन एयरलाइंस का पायलट था, वह देश कैसे चलाएगा।
अय्यर ने कहा कि वह अगले संस्करणों में राजीव गांधी से जुड़े बोफोर्स और शाह बानो मामले जैसे विवादों के बारे में भी बताएंगे। उन्होंने कहा कि मेरी समस्या यह थी कि मैं राजीव गांधी का विश्वासपात्र नहीं था। वास्तव में, मुझे लगता है कि वह सोचते थे कि मैं राजनीतिक रूप से अनुभवहीन हूं। उन्होंने कभी मुझसे किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर मेरी सलाह नहीं ली।