भोपाल / मध्यप्रदेश की राजनीति में अभी तक कांग्रेस और भाजपा ही मुख्य पार्टियां थी और इन्ही दोनो के बीच मध्यप्रदेश की विधानसभा सीटों पर मुकाबला होता रहता था पहले कांग्रेस ने काफी अर्से तक प्रदेश में राज किया और उसके बाद भाजपा ने लंबे समय तक राज किया और कर रही है मध्यप्रदेश की जनता को इन दोनों के अलावा कोई तीसरा विकल्प नही था सरकार चुनने का। लेकिन अब स्थितियां ऐसी नही है की मध्यप्रदेश की जनता कांग्रेस और भाजपा में से किसी एक को चुन सके। अब मध्यप्रदेश की जनता के पास तीसरे विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी भी है अब ये नही कह सकते की मध्यप्रदेश में कांग्रेस और भाजपा का ही मुकाबला होगा। क्योंकि जनता का मिज़ाज आज तक कोई पार्टी और नेता नही समझ पाया की जनता किसको चुनेगी।
जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में विकास के नाम पर चुनाव जीता और सरकार बनाकर दिल्ली में विकास कराया। उसी दिल्ली-मॉडल पर पंजाब में भी चुनाव जीतकर सरकार बनाई। और पंजाब में भी भगवंत मान सरकार विकास-कार्य तेज़ी से करके जनता से किए हुए अपने वादों को पूरा कर रही है। क्या मुमकिन है मध्यप्रदेश में भी झाड़ू चल जाए और कांग्रेस-भाजपा के फैले हुए जालो को साफ कर दे। अब मध्यप्रदेश की जनता के पास वोट देने के लिए एक और विकल्प मौजूद है आम आदमी पार्टी एक ऐसी पार्टी है जिसे कोई ना हिन्दूओ की पार्टी कहता है और ना कोई मुसलमानों की पार्टी कहता है इस पार्टी का सबसे बड़ा प्लस-पॉइंट यही है ये सिर्फ विकास करने वाली पार्टी के नाम से जानी जाती है वहीं आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता एक ही नारा बार-बार और हर बार लगा रहे है "सबको दिया है मौका बार-बार, आम आदमी पार्टी हो मध्यप्रदेश में इस बार" क्या जनता इस नारे को सुन रही है क्या जनता इस नारे के साथ जाएगी। क्या मध्यप्रदेश में तीसरे विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी सरकार बनाएगी क्या प्रदेश की जनता इस बार बदलाव चाहेगी। सवाल बहुत से है जवाब है सिर्फ मतदान देखे ऊँट किस करवट बैठता है।