मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को दमोह पहुंचे। दमोह में करोड़ों रुपये के निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया तो होनहार छात्राओं को स्कूटी और लैपटॉप दिया। सीएम ने चंद्रयान की लैंडिंग भी यहीं देखी।
बता दें कि दमोह के तहसील ग्राउंड में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहना सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हम सरकार नहीं हम परिवार चलाते हैं जिससे जनता का भला हो सके। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने हमेशा ही ऐसी योजनाएं लागू की हैं जिससे जनता का भला हो। इस सभा को संबोधित करने के पहले एक रोड शो निकाला गया जिसमें हजारों की संख्या में सड़क पर मौजूद लोगों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
शाम करीब चार बजे मुख्यमंत्री हैलीकॉप्टर से हैलीपेड पहुंचे। वहां से सीधे तीन गुल्ली होते हुए शहर के मुख्य मार्गों से गुजरे। जहां हजारों की संख्या में लोग उनका स्वागत करने के लिए खड़े थे। इसके बाद तहसील ग्राउंड में लाड़ली बहना सम्मेलन को संबोधित किया। उनके ऊपर फूलों की बरसात करते हुए सभा स्थल पर बने रैंप पर पैदल चलते हुए संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बहनों के लिए भाई और भांजे, भांजियों के लिए मामा हूं और वृद्धजनों के लिए बेटा हूं। उन्होंने बच्चों से कहा कि खूब मन लगाकर पढ़ाई करो मामा पढ़ाई में कोई कमी नहीं रखेगा। अच्छे नंबरों से पास होने पर स्कूटी और लैपटॉप दिया जाएगा। बीच में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार आ गई जिसने सभी योजनाओं को बंद कर दिया, लेकिन भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास करने वाली सरकार है। अभी हम लाड़ली बहनाओं को एक हजार रुपये दे रहे हैं इसके बाद 1250 और उसके बाद 1500 और तीन हजार रुपये तक ले जाएंगे। ताकि हमारी बहनें आत्मनिर्भर बन सकें।
महिलाओं को संबोधित करते समय चंद्रयान की लैंडिंग का लाइव कार्यक्रम शुरू हो गया। इससे मुख्यमंत्री ने अपना संबोधन रोक दिया और सभी से इस गौरवशाली पल का साक्षी बनने के लिए कहा और प्रधानमंत्री का उद्बोधन सुनने के लिए कहा। प्रधानमंत्री का उद्बोधन होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन एतिहासिक दिन है। आज चंद्रयान को पूरे दुनिया ने उतरते हुए देखा है। आज प्रधानमंत्री के नेत्रत्व में दुनिया देखेगी कि भारत कहां पहुंच गया है।इसलिए हम चंद्रयान को उतरते हुए देख रहे हैं और मप्र की जनता की जिंदगी भी बदलते हुए देख रहे हैं।
कार्यक्रम के दौरान कक्षा बारहवीं में अच्छे अंकों से पास होने वाली छात्राओं को भी मंच पर बुलाकर उनका सम्मान किया और उन्हें स्कूटी और लैपटॉप प्रदान किया। उन्होंने एक छात्रा को स्कूटी की सीट पर बैठाला इसके बाद दूसरी छात्रा को खुद हेलमेट पहनाया और चाबी प्रदान की। छात्रों से कहा कि खूब मन लगाकर पढ़ाई करो मामा किसी चीज की कमी नहीं रहने देगा। हम पहले छात्राओं को साइकिल देते थे तो भांजे कहने लगे मामा हमारे लिए कुछ नहीं दिया तो भांजों को भी साइकिल दी जाने लगी।