शिवपुरी / मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को एक बार फिर ज़बरदस्त झटका लगा है इस बार ये झटका विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने दिया है जो शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक है।
अपने इस्तीफे में भाजपा छोड़ने की वजह सिंधिया और उनके समर्थकों को बताया है वीरेंद्र रघुवंशी ने सिंधिया समर्थकों पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा की मेरे विधानसभा क्षेत्र कोलारस में भ्रष्ट अधिकारियों की पोस्टिंग की गई है ताकि मेरे द्वारा कराए जा रहे विकास कार्य मे रुकावटे उतपन्न कर सके। विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने आगे कहा की सिंधिया और उनके समर्थकों ने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ये कहते हुए गिरा दी थी की कांग्रेस ने किसानों का कर्ज़ा माफ नही किया है और अब भाजपा में जाने के बाद वो ना किसानों की बात करते है और ना किसानों के कर्ज़े की। में और मेरी तरह कितने कार्यकर्ता है जो सिंधिया समर्थकों के भाजपा में आने से उपेक्षा के शिकार हो रहे है इनकी वजह से पार्टी में हमे मान नही दिया जा रहा है हमारी अनदेखी की जा रही है में कोलारस का विधायक हूँ इसके बावजूद सिंधिया अपने समर्थक को टिकट दिलाने की कोशिश कर रहे है जो 2018 के चुनाव में मुझसे हारे थे। इससे विचलित होकर हम भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे है।
कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी के भाजपा से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे है यहाँ ये बताते चले की वीरेंद्र रघुवंशी पहले कांग्रेस में थे 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले ये भाजपा में शामिल हो गए थे 2013 के मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में वीरेंद्र रघुवंशी कांग्रेस से चुनाव लड़े थे और भाजपा की तरफ से सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव लड़ी थी इस चुनाव में यशोधरा राजे सिंधिया ने वीरेंद्र रघुवंशी को हरा दिया था और वीरेंद्र रघुवंशी को लगा की सिंधिया ने जान-बूझकर चुनाव में अपनी बुआ से मुझे हरवाया है। इससे क्षुब्द होकर वीरेंद्र रघुवंशी ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। अब फिर वही कहानी दोहराई जा रही है एक बार फिर सिंधिया और उनके समर्थकों की वजह से वीरेंद्र रघुवंशी ने भाजपा छोड़ दी है।