भोपाल / 2023 में होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बस कुछ महीनों के समय शेष है और मध्यप्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा ने अपनी-अपनी तैयारी जोर शोर से शुरू कर दी है दोनों ही पार्टियों के लिए हर सीट जीतना महत्वपूर्ण है लेकिन राजधानी भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर भाजपा का लम्बे समय से कब्ज़ा रहा है कांग्रेस ने इस सीट को जीतने की हरसम्भव प्रयास किया लेकिन कांग्रेस गोविंदपुरा विधानसभा सीट को भाजपा से छीन नही पाई है इसकी एक वजह यहाँ से 9 बार जीत का रिकार्ड बना चुके मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बाबूलाल गौर का प्रभाव रहा है स्वर्गीय बाबूलाल गौर गोविंदपुरा सीट पर 9 बार विजयी हुए है और 2018 के चुनाव में यहाँ से बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर विजयी हुई थी।
गोविंदपुरा सीट जीतने के लिए कांग्रेस ने हर पैंतरा आज़माया हर तरह के नेता को चुनाव लड़ाया लेकिन स्वर्गीय बाबूलाल गौर के आगे किसी की एक ना चली। कांग्रेस के सारे प्रत्याशी बाबूलाल गौर के सामने धराशाही हो गए। यहाँ तक की पिछले चुनाव में भाजपा की कृष्णा गौर ने भी कांग्रेस के प्रत्याशी गिरीश शर्मा को आसानी से पटखनी दे दी थी। कृष्णा गौर ने कांग्रेस के गिरीश शर्मा को लगभग 45 हज़ार वोटो से हराया था। भाजपा की प्रत्याशी कृष्णा गौर को 1 लाख 25 हज़ार वोट मिले थे वहीं कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश शर्मा को 79 हज़ार के करीब वोट मिले थे।
इस बार कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है गोविंदपुरा सीट पर कब्ज़ा करने के लिए और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सबसे ज़्यादा इस सीट पर फोकस कर रहे हैं भाजपा की तरफ से विधायक कृष्णा गौर का दूसरी बार चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है इसके अलावा भाजपा के भोपाल जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी भी गोविंदपुरा सीट से टिकट की माँग कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ बात करे कांग्रेस की तो यहाँ से दीप्ति सिंह टिकट की प्रबल दावेदार है और विगत कुछ समय से गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय है इसके अलावा एक अन्य दावेदार रविन्द्र साहू झुमरवाला भी भी यहाँ से दावेदारी कर रहे है लेकिन दीप्ति सिंह का दावा ज़्यादा मज़बूत माना जा रहा है इसका एक कारण उनका महिला होना भी हो सकता है क्योंकि भाजपा की तरफ से भी एक महिला प्रत्याशी होगी। और इस बार गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर महिला वर्सेस महिला का मुकाबला देखने को मिल सकता है।