मामले की उच्च स्तरीय जांच केंद्रीय शासन के खाद्य आपूर्ति विभाग के उपायुक्त विश्वजीत हलधर द्वारा की गई थी। प्रदाय किए गए चावल के नमूने का परीक्षण किए जाने पर चावल मानव उपभोग के लिए अनुपयोगी पाया गया था।