मानसून की आमद मध्य प्रदेश में होने ही वाली है। ऐसे में राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि बेहतर होगा कि चुनाव बारिश से पहले पूरे हो जाए। दरअसल, बारिश आते ही ग्रामीण इलाकों से संपर्क टूट जाता है और इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने आयोग को सलाह दी है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त बसंत प्रताप सिंह से मुलाकात की। इसके बाद मंत्री ने बताया कि दोनों चुनाव एक साथ नहीं हो सकते। बारिश में गांवों के रास्ते बंद हो जाते है। इससे मतदान प्रभावित हो सकता है। प्रदेश में 23 हजार पंचायतें है। सरकार ने आयोग से कहा कि बारिश से पहले पंचायत के चुनाव हो जाए तो बेहतर रहेगा। मंत्री ने महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करने को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि अभी इस पर निर्णय नहीं हुआ है। अब आयोग सभी बिन्दुओं पर विचार विमर्श कर निर्णय लेगा। जून के प्रथम सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी। वहीं, 26 मई तक आरक्षण की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। इधर आयोग ने अपने अधिकारी-कर्मचारी के शनिवार और रविवार के अवकाश भी निरस्त कर दिए है।