झारखंड में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा को लेकर राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने हिरही भोक्ता बागान इलाके की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अपने गृह क्षेत्र लोहरदगा का भी दौरा किया, यहां वित्त मंत्री ने कहा कि रामनवमी उत्सव के दौरान यहां हुई हिंसा बदमाशों की साजिश का नतीजा है।
लोहरदगा में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान दंगे और ईंट-पत्थरबाजी हुई थी। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और करीब 12 अन्य घायल हो गए थे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी क्योंकि धर्मनिरपेक्ष हेमंत सोरेन सरकार के तहत राज्य भर में शांति कायम थी।
वित्त मंत्री उरांव ने आश्वासन दिया कि पुलिस द्वारा दोषियों की पहचान की जाएगी और उन्हें दंडित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही कहा हिंसा के सिलसिले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और जांच के बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी।
आगे मंत्री ने कहा कि पुलिस और प्रशासन स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और सबूतों के आधार पर गिरफ्तारी की है। इस बीच, झारखंड पुलिस ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मिलने से रोका।
सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए रघुबर दास ने आरोप लगाया कि रामनवमी के दौरान लोहरदगा हिंसा प्रचलित सद्भाव को बिगाड़ने के लिए पूर्व नियोजित थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की साजिश शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के लिए लगातार रची जा रही है, खासकर त्योहारों के दौरान।
रघुवर दास ने राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू को घटना का सूत्रधार बताया साथ ही उन्होंने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की। अधिकारियों ने बताया कि लोहरदगा शहर में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है और पूरे जिले में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।