जैन संत की मौत का रहस्य: पथराई आंखें, खामोश जुबां... आत्महत्या मानने के लिए तैयार नहीं लोग़

Jansampark Khabar
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जैन संत आचार्य विमद सागर की खुदकुशी का मामला अब भी रहस्य बना हुआ है। श्रद्धालु और उन्हें जानने वाले लोग इसे आत्महत्या मानने के लिए तैयार नहीं हैं।

नंदानगर रोड नं. 3 स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर संत सदन की पहली मंजिल पर आचार्य विमद सागर महाराज का शव फंदे से लटका हुआ मिला था। लोगों का कहना है कि नायलॉन की रस्सी वहां तक कैसे पहुंची, इसकी भी जांच होना चाहिए। 


हालांकि मौके पर मौजूद समाज के लोग कोई भी बात बताने को तैयार नहीं थे और अनभिज्ञता जाहिर करते रहे। जब पुलिस आचार्य का शव पोस्टमार्टम के लिए लेने जाने लगी तो एक जैन साध्वी और संत अड़ गए कि पोस्टमार्टम नहीं करवाएं। पोस्टमार्टम करवाने से उनकी दीक्षा खंडित होगी। 

इस पर परदेशीपुरा टीआई पंकज द्विवेदी ने कहा कि दीक्षा तो आत्महत्या करने से भी खंडित हो गई है। काफी जद्दोजहद के बाद समाज के लोग पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए। इस बीच इधर-उधर फोन भी घनघनाते रहे। 

टीआई ने बताया कि रात 10 बजे पोस्टमार्टम करवाया गया और उसके बाद जैन आचार्य का शव सेवादार अनिल जैन के साथ आए समाज के लोगों को सौंप दिया गया। जानकारी के अनुसार जैन संत आचार्य विमद सागर का रविवार को गोम्मटगिरि के पास स्थित भूमि पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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